Dr Aditi dev

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लेखनी कविता -11-Jun-2022

पिया की दुल्हन 

आंगन में खेलती एक प्यारी तितली,
है चंचल और सुंदर दिल की
होती गई बड़ी वो खुद से
सजाए पिया के अरमान दिल में
आ ही गया वक्त अब विदा होने का
बाबुल का आंगन छोड़ने का
रचाए मेहंदी अपने हाथों में पिया के नाम की,
कर रही इंतजार पिया घर जाने का
दुल्हन की है आंखे थोड़ी नम
है बिरह की घड़ी और थोड़ा गम
है पिया को आस मिलन की
दुल्हन भी है थोड़ी शर्माती हुई सी

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7 Comments

नंदिता राय

14-Jun-2022 06:38 PM

बेहतरीन

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Shnaya

14-Jun-2022 02:26 PM

बहुत खूब

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Reyaan

13-Jun-2022 11:49 AM

बहुत खूब

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